
पलवल, गांव अहरवां में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पलवल द्वारा एक विशेष कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का आयोजन जिला एवं सत्र न्यायाधीश और डीएलएसए चेयरमैन प्रमोद गोयल के मार्गदर्शन तथा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह के नेतृत्व में किया गया। शिविर में पैनल अधिवक्ता हंसराज शांडिल्य, पीएलवी नरेंद्र और शक्ति वाहिनी एनजीओ की अहम भूमिका रही।
शिविर में वरिष्ठ नागरिकों और माता-पिता के अधिकारों से जुड़ा “भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007” विषय प्रमुख रहा। अधिवक्ता हंसराज ने बताया कि यदि कोई वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष या उससे अधिक) अपनी जीविका और चिकित्सा के लिए स्वयं सक्षम नहीं है, तो वह अपने बच्चों या अन्य उत्तरदायियों से भरण-पोषण की मांग कर सकता है। साथ ही, यदि किसी बुजुर्ग ने अपनी संपत्ति किसी को सौंप दी है और उसके साथ अब अन्याय हो रहा है, तो वह संपत्ति वापस पाने का कानूनी हक रखता है।
इसके अतिरिक्त, शक्ति वाहिनी एनजीओ के साहिल ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी कराना कानूनन अपराध है, और इस पर सख्त सज़ा का प्रावधान है।