नई दिल्ली, – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि नारायणा वार्ड उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मनोज कुमार तंवर को चुनाव कार्यालय खोलने की अनुमति रद्द किया जाना लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है और यह चुनाव आयोग पर भाजपा की सीधी राजनीतिक दबाव का संकेत है।
देवेंद्र यादव के अनुसार, भाजपा उपचुनाव में संभावित हार से घबराई हुई है और इसी डर के कारण सरकार प्रशासन और पुलिस मशीनरी का इस्तेमाल कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ कर रही है। उन्होंने कहा कि डीईओ (डीएम नई दिल्ली) द्वारा मनोज कुमार तंवर की अनुमति खारिज किए जाने से भाजपा की भूमिका साफ दिखाई देती है।
उन्होंने बताया कि 10 नवंबर 2025 को तंवर ने क्लब रोड, नारायणा गांव स्थित 300 स्क्वायर फीट जगह को चुनाव कार्यालय के लिए 10 से 30 नवंबर तक किराए पर लेने का समझौता किया था और 5,000 रुपये अग्रिम जमा भी किए थे। 16 नवंबर को सभी दस्तावेजों के साथ अनुमति मांगी गई, लेकिन आयोग ने इसे निरस्त कर दिया, जबकि उसी स्थान पर भाजपा उम्मीदवार को अनुमति दे दी गई, जिसका आवेदन 11 नवंबर को जमा हुआ था।
देवेंद्र यादव ने सवाल उठाया कि जब कांग्रेस उम्मीदवार पहले से ही कानूनी तरीके से जगह ले चुका था तो कैसे भाजपा प्रत्याशी उसी संपत्ति पर कार्यालय खोल सकता है। उनका आरोप है कि भाजपा ने संपत्ति मालिक पर दबाव बनाकर कार्यालय शुरू कराया, जो यह दिखाता है कि उपचुनाव में पार्टी सरकारी शक्तियों का खुले तौर पर दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले नौ महीनों में भाजपा सरकार केवल घोषणाओं और वादों तक सीमित रही है, जिस कारण अब हार की चिंता उनसे छिपी नहीं है। यादव ने कहा कि भाजपा अब चुनाव आयोग पर प्रभाव डालकर उपचुनाव का परिणाम अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रही है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करता है।

