सूरजकुंड दिवाली उत्सव (फरीदाबाद), 06 नवंबर। सूरजकुंड दिवाली उत्सव में सहारनपुर से आए कारीगर रेहमान का स्टाल नंबर 944, आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। उनके द्वारा निर्मित बच्चों के खिलौनें, सजावटी सामान, लकड़ी की दीवार घड़ी, लकड़ी का शीशा फ्रेम, अलग-अलग डिजाइन की गुल्लक, ड्राईफ्रूट बॉक्स, लकड़ी से बनी ट्रे की लोग खरीददारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले बीस साल से वह इस व्यापार को कर रहे है।
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कारीगर रेहमान ने कहा कि भारत, अपनी जीवंत और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ, खिलौना उद्योग से परे, विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसायों के लिए बेहतरीन अवसर प्रस्तुत कर रहा है। लगातार कई अन्य अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर प्रदर्शन करने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था के उपभोक्ता बाजार में अपार संभावनाएं हैं। इस आर्थिक गति के साथ बढ़ती खर्च योग्य आय के साथ एक उभरता हुआ मध्यम वर्ग भी शामिल है, जिसने देश में एक बेहद आशाजनक उपभोक्ता बाजार में योगदान दिया है। इन लकड़ी के खिलौनों ने भारतीय बाजार में प्रतिध्वनि पाई है, जिससे यह हमारे व्यवसाय संचालन के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है और हम देश के गतिशील बाजार परिदृश्य का लाभ उठाने के इच्छुक हैं। भारतीय खिलौना निर्माता यह सुनिश्चित करते हैं कि डिजाइन से लेकर पैकेजिंग तक उत्पादन प्रक्रिया का हर चरण देश के भीतर ही संचालित हो। यह रणनीतिक निर्णय न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है बल्कि स्थानीय कारीगर समुदायों और श्रमिकों का भी समर्थन करता है।