पटाखों से निकलने वाला धुआं वायु में व्याप्त होकर मानव स्वास्थ्य पर डालता है बुरा असर : जिलाधीश नेहा सिंह

पलवल, 04 अक्तूबर। जिलाधीश नेहा सिंह ने आपराधिक प्रक्रिया नियमावली-1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों तथा विस्फोटक अधिनियम-1884 एवं विस्फोटक नियमों के तहत जिला की सीमा में तुरंत प्रभाव से ग्रीन पटाखों के अलावा अन्य पटाखों के निर्माण, बिक्री एवं प्रयोग करने पर पाबंदी लगाने के आदेश जारी किए है। यह आदेश 01 नवंबर से आगामी 31 जनवरी 2024 तक लागू रहेंगे। जिलाधीश द्वारा यह आदेश हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सलाह पर सरकार से प्राप्त निर्देशों की अनुपालना में जारी किए गए है। पटाखे जलाने से वायु प्रदूषण बढने के विभिन्न मामलों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्टï्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा बार-बार ऐतिहासिक टिप्पणियां की गई है।
जिलाधीश नेहा सिंह द्वारा जारी आदेश के तहत हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पलवल के क्षेत्रीय अधिकारी नियमित रूप से वायु की गुणवत्ता की निगरानी करेंगे तथा संबंधित वेबसाइट पर आंकड़े अपलोड़ करेंगे। इन आदेशों की अनुपालना पुलिस अधीक्षक, नगर निगम आयुक्त, जिला के सभी उपमंडलाधीश, सभी तहसीलदार/नायब तहसीलदार/खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, मार्केट कमेटियों के सचिव, सभी पुलिस थानों के एसएचओ, फायर स्टेशन अधिकारी तथा अन्य अग्निश्मन कार्यालय के स्टॉफ द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। उपरोक्त सभी अधिकारी इन आदेशों को लागू करने के लिए रैड करेंगे तथा प्रतिदिन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
जिलाधीश द्वारा जारी आदेश की उल्लंघना करने वाले व्यक्ति के विरुद्घ भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक अधिनियम-1884 तथा विस्फोटक अधिनियम-2008 के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिलाधीश द्वारा यह आदेश जनहित में जारी किए गए है। जैसा कि विधित है कि वायु प्रदूषण से गंभीर पर्यावरण व खतरे उत्पन्न होते है, जिनका मानव विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों तथा श्वास एवं हृदय से संबंधित बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
जिलाधीश नेहा सिंह ने जारी आदेशों में कहा है कि विभिन्न विशेषज्ञों की टिप्पणियों एवं रिपोर्टों के अनुसार हरियाणा प्रदेश में सर्दी के महीने में विशेषकर अक्तूबर से जनवरी तक वायु प्रदूषण उच्च स्तर पर होता है। वायु प्रदूषण के कारणों में पटाखे जलाना भी शामिल है। पटाखे जलाने से वायु में न केवल धातु के पार्टिकल, खतरनाक विषाक्त पदार्थ, खतरनाक रसायन एवं हानिकारक गैस निकलती है, अपितु वायु में खतरनाक हानिकारक तत्व जैसे पीएम 2.5 या पीएम 10 की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वायु की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

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