फरीदाबाद, 29 सितंबर। उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि जिला में असंगठित मजदूरों के यूनिक आईडी कार्ड बनाने के लिए उनकी अध्यक्षता में जिला स्तरीय कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन किया गया है। जिला में यह कार्य अटल सेवा केंद्र (सीएससी) केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है। कमेटी के अन्य सदस्यों में जिला स्तरीय अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान, उप श्रम आयुक्त फरीदाबाद व जिला स्तरीय सहायक श्रम आयुक्त फरीदाबाद तथा श्रम कल्याण अधिकारी फरीदाबाद सदस्य सचिव बनाए गए हैं। इसी प्रकार कमेटी के अन्य सदस्यों में जिला परिषद के सीईओ नगर निगम क्षेत्र के ईओ तथा अन्य सदस्यों जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी संबंधित विभागों के अधिकारीगण, यूनियन एसोसिएशन के प्रेसिडेंट व सचिवों तथा सीएचसी केंद्रों के जिला प्रबंधक को शामिल किया गया है।
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उपायुक्त डॉ जितेंद्र यादव ने बताया कि परिवार पहचान-पत्र और आधार कार्ड की तर्ज पर अब जिला में असंगठित श्रमिकों के ई-श्रम पोर्टल योजना के तहत यूनिक आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं। असंगठित मजदूर किसी भी अटल सेवा केंद्र पर जाकर यूनिक आईडी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। फरीदाबाद जिला में यह कार्य 800 अटल सेवा केंद्र के माध्यम से किया जाएगा। इन अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से जिला के में लगभग 5 लाख असंगठित मजदूरों के रजिस्ट्रेशन का कार्य किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि पंजीकरण करवाते समय आवेदक के पास अपना आधार कार्ड नंबर, बैंक खाता और मोबाइल नंबर होना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि छोटे किसान कृषि क्षेत्र में लगे मजदूर, पशुपालक, मछली विक्रेता, मोची ईट-भट्ठा पर काम करने वाले, घरों में काम करने वाले, रेडी पटरी लगाने वाले, न्यूज-पेपर वेंडर, कारपेंटर, प्लंबर, रिक्शा चालक, मनरेगा वर्कर, दूध विक्रेता, स्थानांतरित लेबर, आशा वर्कर, चाय विक्रेता व ऐसे मजदूर जो कि किसी संगठन के साथ नहीं जुड़े सभी सभी अपनी यूनिक आईडी कार्ड बनवा सकते हैं। जिला प्रबंधक योगेश चंद्र सीएससी ने बताया कि पंजीकरण के लिए आवेदन करने की उम्र 16 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए, आवेदक का पीएफ और ईएसआई खाता नहीं होना चाहिए, आवेदक अभी तक किसी भी संगठित समूह या संस्था का सदस्य नहीं होना चाहिए। यूनिक आईडी कार्ड बनते ही इन संगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ मिल जाएगा। इसका एक साल का खर्चा भी सरकार द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा। असंगठित श्रमिक किस वर्ग से हैं इसका खाका तैयार करने के बाद सामाजिक सुरक्षा योजनाएं जो कि मंत्रालय और सरकार ने चलाई हैं। उन्हें आसानी से क्रियान्वित कर इन के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा। इसके साथ ही श्रमिकों की गतिविधियों और वह किस राज्य से किस राज्य में जा रहे हैं को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा, आपदा के समय इन असंगठित श्रमिकों तक आसानी से मदद पहुंचाई जा सकेगी, जैसे कॅरोना काल में इन्हें इनके घर तक पहुंचाने, खाने की व्यवस्था कराने इत्यादि रोजगार के अवसर भी इन श्रमिकों के वर्ग के हिसाब से सरकार सृजित करेगी, साथ ही यदि कहीं किसी विशेष वर्ग के मजदूरी की जरूरत होगी तो इसी यूनिक आईडी के माध्यम से इन लोगों को सूचित भी किया जा सकेगा ।