फरीदाबाद : नगर निगम में 26 गांव शामिल करने का प्रस्ताव राजनीतिक से प्रेरित- एनआइटी-86 से विधायक नीरज शर्मा

फरीदाबाद : फरीदाबाद जिला के 26 गांवों को नगर निगम के दायरे में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का एनआइटी-86 से विधायक नीरज शर्मा ने विरोध करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। नीरज शर्मा का कहना है कि यह प्रस्ताव तैयार करते समय नगर निगम प्रशासन ने चुने हुए प्रतिनिधियों से रायशुमारी नहीं की। इससे 26 गांवों की पंचायतों से लेकर आम जन में भी रोष है। विधायक के अनुसार किसी भी प्रस्ताव को तैयार करते समय ग्राम पंचायत, ग्राम सभा, ब्लॉक समिति, जिला परिषद, पार्षद, विधायक और सांसद से सुझाव अवश्य लिया जाता है। मगर निगम प्रशासन ने यह प्रस्ताव मनमाने ढंग से तैयार किया है। गुरुग्राम नगर निगम प्रशासन ने भी जिन 39 गांवों काे नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव बनाया है, उसके लिए नगर निगम सदन की मंजूरी ली है। ग्राम पंचायतों की मंजूरी ली है।

नीरज शर्मा के अनुसार नगर निगम फरीदाबाद की मौजूदा आबादी को पानी, सड़क, सीवर जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। बरसात में जलभराव से लोग अपने घरों में कैद हो जाते हैं। ऐसे में नगर निगम प्रशासन 26 उन पंचायतों को शामिल कर उनका जनजीवन भी नारकीय बना देना चाहता है जिनकी ग्राम पंचायतों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये भूमि मुआवजे के जमा हैं। शर्मा का कहना है कि नगर निगम इन गांवों को सुविधाएं नहीं देना चाहता बल्कि निगम प्रशासन की नजर तो इन गांवों की करोड़ों रुपये की संपति पर है। विधायक ने कहा है कि नगर निगम प्रशासन पहले मौजूदा आबादी को 135 लीटर पानी प्रतिदिन देने का विश्व स्वास्थ्य संगठन का नियम पूरा करे, इसके बाद अन्य गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव बनाए। अन्यथा जिन गांवों में स्थिति शांत है वहां अशांति फैलाने का किसी को कोई अधिकार नहीं है।

इस प्रस्ताव में यह कहना भी गलत है कि 60 फीसद गैर कृषि भूमि वाले गांवों को ही शामिल किया जा रहा है। नीरज ने बताया कि निगम के इस तर्क में भी झोल है। कई ऐसे गांव हैं जिन्हें इस नियम के तहत भी प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया। विधायक ने कहा कि इस प्रस्ताव से ग्रामीणों का जीवन नरक हो जाएगा और वे ऐसा नहीं होने देंगे।

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