वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा जीएसटी कॉउसिल के समक्ष दिल्ली के पक्ष को प्रभावी ढंग से नही रखने के कारण जीएसटी से मिलने वाली आय में कमी आ गई।- चौ0 अनिल कुमार

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर, 2020 – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द तथा भाजपा शासित दिल्ल्ली नगर निगम नूरा कुश्ती खेलना बंद करें और दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन हेतू तुरंत फंड जारी करे। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनो दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए जमीनी स्तर पर कुछ भी किए बिना एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे है, जबकि अस्पतालों के कर्मचारी जो सच्चे कोरोना यौद्धा है, कोविड-19 महामारी संकट के दौर में अपने जीवन को दाव पर लगाकर कोरोना मरीजों का इलाल कर रहे है।


चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि आज दिल्ली नगर निगमों के तीनो मेयर दिखावा करने के लिए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के घर पर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए धरने पर बैठ गए। सफई कर्मचारी,डाक्टर्स, नर्स, पेरामेडिकल स्टाफ और शिक्षकों को पिछले 4 महीनां से वेतन नही मिला है और निगम मुख्य कार्यालय और जोनल आफिस के कर्मचारियों को सिर्फ मई 2020 के महीने में वेतन मिला था। चौ0 अनिल कुमार ने पूछा कि कोविड महामारी संकट में कर्मचारी बिना वेतन मिले कैसे जीवन यापन कर सकते है, जबकि कर्मचारियों को वेतन देने की बजाय भाजपा और आम आदमी पार्टी एक दूसरे उपर आरोप लगाकर अपना पल्ला झाड़़ रहे है।


चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि जब कांग्रेस दिल्ली की सत्ता में थी तो दिल्ली नगर निगम को दिए जाने वाले फंड को कभी भी नही रोका। कांग्रेस शासन के समय निगम द्वारा न केवल अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जाता था बल्कि राजधानी में विकास के कार्य जैसे फलाई ओवर, सड़के, स्कूल और अस्पताल आदि का निर्माण करने में भी तत्कालीन दिल्ली नगर निगम सक्षम थी जिससे सिद्ध होता है कि दिल्ली में विकास कार्य कांग्रेस सरकार के समय हुए थे। उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी की सरकार के अन्तर्गत दिल्ली नगर निगम का आर्थिक ढ़ांचा चरमरा गया है और कई महीनों से निगम कर्मचारियों को वेतन नही दिया जा गया है बल्कि  फंड की कमी और भ्रष्टाचार की वजह से विकास कार्य भी रुक गए है।


चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द सरकार द्वारा फंड जारी न किए जाने और दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार के कारण निगम की आय सीमित हो गई और कर्मचारियों को वेतन देने की बजाय भगवान भरोसे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि 5वें वित आयोग की सिफारिशों के आधार पर दिल्ली सरकार दिल्ली नगर निगम को फंड जारी करने के लिए बाध्य थी, परंतु यह आश्चर्य की बात है कि अरविन्द सरकार ने राशि क्यों जारी नही  की। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में फंड का आर्थिक संकट और अधिक बढ़ गया क्योंकि उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएसटी कॉउसिल के समक्ष दिल्ली के मामले को प्रभावी ढंग से नही रखा, जिसके परिणामस्वरुप जीएसटी से मिलने वाली आय में कमी आ गई।
चौ0 अनिल कुमार ने विस्तार पूर्वक बताया कि अरविन्द सरकार ने चौथे वित आयोग की सिफारिश को लागू ही नही किया और तीसरे वित आयोग को चौथे वित आयोग के काल में 5 वर्ष से ज्यादा तक लागू रखा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा लम्बे समय तक जारी की जाने वाली वित्तिय राशि को रोक कर रखने के कारण न केवल स्वाभाविक रुप से कमजोर पूर्वी दिल्ली नगर निगम और कमजोर हो गया बल्कि समर्थ उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आर्थिक रुप से रीढ़ ही टूट गई और आम आदमी पार्टी और भाजपा सरकारें निगम की वर्तमान की वित्तिय दुदर्शा के लिए बराबर के जिम्मेदार है। 

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